गोधरा कांड व गुजरात दंगों की जांच के लिए गठित जस्टिस नानावटी मेहता आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को क्लीन चिट दी है। गोधरा कांड एक साजिश के तहत किया गया था जबकि उसके बाद भडके दंगे किसी साजिश का हिस्सा नहीं थे। दंगों के दौरान तीन आईपीएस अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद मानी गई है। गुजरात विधानसभा में बुधवार को पेश जस्टिस जी टी नानावटी व जस्टिस अक्षय मेहता की करीब पांच हजार पेज की रिपोर्ट में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्रीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व तत्कालीन गृह राज्य मंत्रीए केंद्र सरकार में गृहमंत्री अमित शाह सहित गुजरात के तीन पूर्व मंत्री दिवंगत हरेन पंड्याए दिवंगत अशोक भट्ट व भरत बारोट को क्लीन चिट दी है। गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि आयोग ने खंड में अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश की है जो तीन हजार से अधिक पेज की बताई जा रही है। करीब 44 हजार 445 शपथ पत्रों व 488 सरकारी अधिकारी व पुलिस अधिकारियों के शपथ पत्र के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। जडेजा ने बताया कि गोधरा कांड में 58 कारसेवक जिंदा जला दिए गए थेए जबकि 40 जख्मी हो गए थे। मोदी बतौर मुख्यमंत्री घटनास्थल का मुआयना करने गए थे। उन पर सबूत नष्ट करने के आरोप भी निराधार पाए गए हैं। जडेजा ने बताया कि सीएम आवास व कार्यालय पर दंगों को रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की बैठकें हुईए लेकिन पुलिस प्रशासन को दंगाइयों को खुली छूट देने के आरोप भी निराधार पाए गए हैं।
मोदी-शाह को क्लीन चिट