अब सुअर मारने पर जेल

देहरादून। रिजर्व फॉरेस्ट से बाहर खेतों में आकर फसल को चैपट करने वाले जंगली सूअरों को मारने पर फिर से प्रतिबंध लग चुका है। केंद्र सरकार की ओर से दी गई छूट नवंबर में खत्म हो चुकी है। जंगली सूअर व बंदरों से फसल को बचाना पहाड़ में सबसे बड़ी चुनौती है। यहीं वजह है कि कई इलाकों में लोगों ने खेती करना तक छोड़ दिया है। इस परेशानी को देखते हुए नवंबर 2018 में केंद्र सरकार ने एक साल के लिए सूअरों को मारने की छूट दी थी। हालांकि यह नियम वन्यजीवों के आरक्षित क्षेत्र से बाहर खेतों में पहुंचने पर लागू था, लेकिन पिछले माह 12 नवंबर को यह अस्थायी समय सीमा समाप्त हो गई। अब काश्तकार द्वारा सूअर को मारने पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। अनुसूची पांच का वन्यजीव होने के कारण डीएफओ जुर्माना लगाकर छोड़ सकते हैं या फिर आरोपित को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।