कर्नाटक के भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े का दावा है कि केंद्र सरकार में बैठी भाजपा ने बड़ी सोची-समझी रणनीति के तहत देवेंद्र फडणवीस को तीन दिन के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया था। हेगड़े के मुताबिक, भाजपा को पता था कि उनके पास बहुमत नहीं है, फिर भी ड्रामा रचा गया और फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। मकसद थाए, केंद्र सरकार के 40 हजार करोड़ रुपए का फंड बचाना जो महाराष्ट्र सरकार के खातों में पड़ा था। यह राशि बुलेट रेल प्रोजेक्ट के लिए थी। फडणवीस ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कामकाज संभाला और सबसे पहला काम इस राशि को वापस केंद्र सरकार के खातों में जमा करने का किया। भाजपा को आशंका थी कि यदि महाराष्ट्र में उसकी सरकार नहीं बनी तो किसानों के नाम पर इस राशि का दुरुपयोग किया जाएगा। बहरहाल, इस खुलासे के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस भड़क गए हैं। वहीं देवेंद्र फडणवीस ने इन आरोपों का खंडन किया है। फडणवीस ने सफाई दी कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। केंद्र को कोई राशि नहीं लौटाई गई है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि सत्ता नहीं मिली तो भाजपा ने यह दांव खेला। यह राशि महाराष्ट्र का हक थी, जिसे छिन लिया गया है। वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक का कहना है कि यह आग अब पूरे देश में फैलेगी। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ऐसा हुआ है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। शिवसेना प्रवक्त संजय राउत ने इसे महाराष्ट्र के साथ धोखा बताया।