स्कूलों में संसाधनों का टोटा

चमोली जिले में स्थित 49 उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूल में संसाधनों का टोटा बना रहने से मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। हालात इस कदर चिंताजनक हैं कि शिक्षक अपने वेतन से ही चॉक, स्टेशनरी, पठन पाठन व खेल सामग्री की व्यवस्था कर रहे हैं।दरअसल उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में विकास अनुदान के तहत बजट न होने से शिक्षकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वैसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकार की मंशा छात्र-छात्राओं के सवार्ंगीण विकास की रही है। 
इसके लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत हाईस्कूल स्तर तक के विद्यालयों को स्टेशनरी से लेकर विद्यालय भवन के रंग-रोगन के लिए छात्र संख्या के आधार पर धनराशि आवंटित की जा रही है लेकिन जिले में जूनियर हाईस्कूल से हाईस्कूल में उच्चीकृत हुए 49 विद्यालयों में विकास अनुदान की कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इससे शिक्षकों को विद्यालयों में व्यवस्था बनाना मुश्किल हो रहा है। 
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मनोज शाह का कहना है कि छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों में विकास अनुदान के तहत एक लाख तक की धनराशि आवंटित की जा रही है लेकिन उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में यह धनराशि आवंटित नहीं की जा रही है।
 इससे शिक्षक अपनी वेतन से विद्यालयों में जरुरतों की आपूर्ति कर रहे हैं। संघ के घाट ब्लाक अध्यक्ष सैन सिंह नेगी का कहना है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत सपनों की उड़ान, बाल मेला, क्विज प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता में धनाभाव के कारण उच्चीकृत विद्यालयों के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग नहीं कर पा रहे हैं। 
उन्होंने शीघ्र विद्यालयों को बजट आवंटित करने की मांग उठाई है। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) नरेश कुमार हल्दियानी का कहना है कि समग्र शिक्षा के तहत हाईस्कूलों को विकास अनुदान दिया जा चुका है।
   उच्चीकृत विद्यालयों में सिर्फ हाईस्कूल को ही धनराशि का आवंटन किया गया है। जूनियर हाईस्कूलों को धनराशि उपलब्ध कराने के लिए शासन से मांग की गई है।